व्यवस्थाविवरण 6 अध्याय से
अध्ययन
👉अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखें (6:5)
👉परमेश्वर के वचन को अपने मन में रखें और बनी रहें (6:6)
👉परमेश्वर के वचनों को अपने घरों और दिलों में लिखें (6:6-9)
👉उत्साहपूर्वक केवल सृष्टिकर्ता परमेश्वर का पीछा करें, जो आपके साथ उपस्थित है (6:14)
👉अपने परमेश्वर यहोवा की परीक्षा न करें (6:16)
👉प्रभु की सभी आज्ञाओं, चितौनियों, और विधियों को यत्नपूर्वक और सावधानी से पालन करें (6:17,25)
👉किसी भी चीज़ में शामिल न हों जो आपको फिर से बंधन में ले जाए, क्योंकि परमेश्वर ने हमें पाप के गुलामी से बाहर निकाला है (6:23,12)
👉जो काम यहोवा की दृष्टि में ठीक और सुहावना है वही किया करें (6:18)
👉बच्चे जो परमेश्वर के वचन के बारे में सवाल पूछते हैं, उन्हें चुप न कराएँ बल्कि उन्हें समझायें और सिखायें (6:20-25)
No comments:
Post a Comment