व्यवस्थाविवरण 8 अध्याय से
अध्ययन
👉हमें
नम्र बनाने के लिए जंगल जैसे की अनुभवों में प्रभु ने हमें जो लेखे आया उसे याद नहीं
करना (2)
👉परमेश्वर के वचन को नहीं, बल्कि दुनिया की चीजों को खोजने को प्राथमिकता देना (3)
👉परमेश्वर
की आवाज़ को नहीं मानना और उनके डर भय मानकर उनके मार्ग पर नहीं चलना (6,11,20)
👉हमें
अनुशासित करने के लिए परमेश्वर जो हमें ताड़ना देता है उससे सबक नहीं लेना और खुद को
अनुशासित नहीं करना (5)
👉विजय
और समृद्धि में खुद के शक्ति और पराक्रम को कारण ठहराना और परमेश्वर को स्मरण नहीं
रखना (17,18)
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