Thursday, April 23, 2020

विश्वासयोग्य होना



गिनती 5 और 6 अध्याय से अध्ययन

👉प्रभु के प्रति विश्वासयोग्य स्वयं को अपवित्र करके और प्रत्येक अवगुण और पाप को बाहर निकालने के द्वारा हम परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य रह सकते हैं, क्योंकि वह हम में बसता है (5:3; 6:7,8)

👉एक-दूसरे के साथ विश्वासयोग्य एक-दूसरे को धोखा न देखे और उनके प्रति अपराध न करने के द्वारा हम एक-दूसरे के साथ विश्वास योग्य रह सकते हैं (5:5-7)

👉विवाहित जीवन में विश्वासयोग्य बेवफा (अपने पति या पत्नी से दूर जाना) न होकर और भटक (वासनापूर्ण संबंध रखना) न जाने के द्वारा विवाहित जीवन में विश्वास योग्य रह सकते हैं (5:12)

👉व्यक्तिगत जीवन में विश्वासयोग्य अनुशासित जीवन जीने के द्वारा, व्यक्तिगत जीवन में विश्वासयोग्य रह सकते हैं (6:3,4)

👉सेवा में विश्वासयोग्य अर्पणता के साथ सेवा करके और प्रतिबद्धता को पूरा करके परमेश्वर की सेवा में विश्वासयोग्य रह सकते हैं (6:2,5)

No comments:

Post a Comment