गिनती
13 और 14 अध्याय से अध्ययन
👎 डर
दुश्मन या विरोधियों की ताकत और सुरक्षा को देखता है (13:31; 14:9)
👍 विश्वास
परमेश्वर के समर्थन और उनके उपस्थिति को देखता है (13:1; 14:9)
👎 डर
विरोधियों के बहुमत को देखता है और खुद को कमजोर अल्पसंख्यक के रूप में देखता है
(13: 32,33)
👍 विश्वास
परमेश्वर के वायदों, सामर्थ,और उनके प्रेम की महानता को देखता है और स्वयं को परमेश्वर
की भाग के रूप में देखता है (14:8,12,17-19)
👎 डर
परमेश्वर और उनके वचन के खिलाफ विद्रोह करता है (14:4,9)
👍 विश्वास
परमेश्वर और उनके वाणी का आज्ञा मानता है (14:22)
👎 डर
विद्रोह करता है (14:9)
👍 विश्वास
मन फिराता है (14:18,19)
👎 डर
परमेश्वर और उनके उद्धार का तिरस्कार करता है (14:3,11)
👍 विश्वास
पुरे दिल से परमेश्वर का अनुसरण करता है (14:24)
👎 डर
परमेश्वर को अप्रसन्न करता है (14:34)
👍 विश्वास
परमेश्वर को प्रसन्न करता है (14: 8)
👎 डर
शिकायत करता है और धमकी देता है (14:1,10)
👍 विश्वास
क्षमा चाहता है और निवेदन करता है (14:19,5,6)
👎 डर
चिंता और आवेग के कारण कार्य करता है (14:40)
👍 विश्वास
परमेश्वर के आदेश और अग्रणी के अनुसार कार्य करता है (14:41)
👎 डर
विश्वासहीनता से ग्रस्त है (14:33)
👍 विश्वास
परमेश्वर की डर भय मानता है और उनकी योजना पर भरोसा करता है (14:5,6)
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