गिनती 31 अध्याय से अध्ययन
👉वापसी / प्रत्याहार मानसिकता: परमेश्वर ने जिस कार्य के लिए बुलाया और जो सौंपा है उसे पूरा करें (2)
👉चयनित रूप से हटाना: प्रभु को अप्रसन्न करने वाली हर चीज को पूरी तरह से हटा दें (8,15,16)
👉असुरक्षित पवित्रता: सफलता आपको बेपरवाह होने न दें; व्यक्तिगत और दल की पवित्रता की रक्षा करने में सावधान रहें (19,20)
👉अपरीक्षित अवसर: बिना परीक्षण के सब कुछ स्वीकार न करें, इससे ईश्वरत्व और पवित्रता में समझौता हो सकता है (21-23)
👉लाभप्रदता हड़पना: लोगों को उचित मान्यता दें और लोगों के साथ लाभ साझा करें (27)
👉दायित्व शून्य ज़िम्मेदारी: सौंपे गए हर कार्य, संसाधन और लोगों का हिसाब दें (26,49)
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