गिनती
19 अध्याय से अध्ययन
👉अपवित्रता परमेश्वर की सेवा और जिम्मेदारियों को अशुद्ध करती है (13,20)
👉जब हम दूसरों को छुड़ाने के लिए मदद करते हैं तब अनजाने में अशुद्धता हम पर भी लग जाता है (7,8)
👉बिना समझौते और लगातार हमें खुद को शुद्ध करना चाहिए (12)
👉पाप जो निपटाए नहीं गए वह हमें असुरक्षित पात्र बना देगा (15)
👉रूपांतरित नहीं हुआ व्यक्ति दूसरों को रूपांतरित नहीं कर सकता है (19)
👉अनसुलझे अशुद्धता अंततः हमें परमेश्वर की उपस्थिति और हमारे बुलाहट से अलग कर देगा (20)
No comments:
Post a Comment